Dear friends, Swami Atmanand Coaching Yojana has been launched by Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel on 3 October 2023. स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के अंतर्गत राज्य में विकास खंड स्तर पर 150 नि:शुल्क कोचिंग केंद्र खुलेंगे। CSR मद से एलन कैरियर इंस्टिट्यूट प्रा.लि. द्वारा कोचिंग क्लास का ऑनलाइन संचालन किया जाएगा। तो आइये अब जानते हैं की स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या होगी, कौन होंगे लाभार्थी, पूरी जानकारी।          

What is Swami Atmanand Coaching Yojana 2023 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इंजीनियरिंग और मेडिकल के प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए "स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना" का ऑनलाइन शुभारंभ किया। इस योजना में ख्याति प्राप्त Allen Career Institute ने सीएसआर के तहत निःशुल्क कोचिंग देने सहमति दी है। छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में अध्यनरत 12वीं के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन और एलन इंस्टिट्यूट के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। 
उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता दिवस समारोह (15 August 2023) में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए इंजीनियरिंग (JEE) और मेडिकल (NEET) पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा की ऑनलाइन कोचिंग योजना की घोषणा की थी। 

कौन होंगे स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के लाभार्थी 

स्कूल शिक्षा विभाग की स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के अनुसार, प्रदेश के कक्षा दसवीं में 60 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी और कक्षा 12वीं में अध्यनरत विद्यार्थियों को कोचिंग दी जाएगी। प्रदेश के 146 विकासखंड मुख्यालयों और चार शहर रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा सहित 150 कोचिंग सेंटर के माध्यम से राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा प्री-मेडिकल नीट के साथ प्री-इंजीनियरिंग आईआईटी की बेहतर रूप से तैयारी के लिए ऑनलाइन कोचिंग प्रदान की जाएगी.

मेरिट के अनुसार विद्यार्थियों का चयन होगा

योजना के अनुसार, कोचिंग राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से प्रदान की जाएगी। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कोचिंग सेंटर की स्थापना की तैयारी कर प्रवेश प्रारंभ कर दिया गया है। स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना में मेरिट क्रम अनुसार विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा।  

विद्यार्थी को संबंधित विकासखंड, शहर के शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं का नियमित विद्यार्थी होना अनिवार्य होगा। विकासखंड मुख्यालय की स्कूलों में कक्षा 12वीं में जीव विज्ञान और गणित संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी ही पात्र होंगे। प्रत्येक कोचिंग सेंटर में 75 से 100 विद्यार्थियों का प्रवेश दिया जाना है. इसमें प्री-मेडिकल और प्री-इंजीनियरिंग के लिए अधिकतम 50-50 विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। 

रायपुर से ऑनलाइन कक्षाएं होंगी संचालित

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद रायपुर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी। यह कक्षाएं सांय 3 बजे से 6.30 बजे तक संचालित होंगी। इस संबंध में विषय विशेषज्ञ नोडल अधिकारी और प्राचार्य को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। ऑनलाइन कक्षाओं की यह विशेषता रहेगी कि यह 2 way संवाद रहेगा। मतलब विद्यार्थी विषय विशेषज्ञों से प्रश्न भी पूछ सकेंगे। देश में संचालित आत्मानंद विद्यालय के साथ-साथ अन्य विद्यालयों में भी जेईई और नीट के लिए अलग-अलग कक्षाएं संचालित होंगी। 

प्रत्येक कोचिंग केंद्र में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान व गणित विषय के लिए नोडल शिक्षक और एक मुख्य नोडल अधिकारी प्रिंसिपल के साथ सीनियर लेक्चरर स्टाफ को नियुक्त किया गया है। ऑनलाइन कोचिंग प्रदाता संस्थान विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड का विश्लेषण विद्यार्थियों का फीडबैक पालकों का फीडबैक इत्यादि इस कार्यक्रम की सघन मॉनिटरिंग के लिए मॉनिटरिंग अधिकारी भी नियुक्त किए जा रहे हैं। 

दसवीं में 60% पाने वाले बच्चे ही कर सकेंगे आवेदन

योजना के अनुसार दसवीं में 60% पाने वाले और 12वीं में पढाई करने विद्यार्थियों को ही कोचिंग दी जाएगी। 60% से कम अंक पाने वाले छात्र इसके लिए पात्र नहीं होंगे। कोचिंग राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से दी जाएगी। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से कोचिंग सेंटर की स्थापना कराई है साथ ही एडमिशन भी शुरू किया जा चुका है। 146 ब्लॉक के अलावा रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और कोरबा में कोचिंग सेंटर के माध्यम से प्री-मेडिकल और प्री-इंजीनियरिंग की कोचिंग दी जाएगी।

स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना एडमिशन की प्रक्रिया

12वीं क्लास में पढाई करने वाले छात्र इसमें एडमिशन ले सकेंगे। छात्र अपने नजदीकी सेंटर में जाकर आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के दौरान दसवीं की मार्कसीट अनिवार्य होगी। आवेदन के बाद सेंटर परसेंट के अनुसार बच्चों का चयन करेगा। एक सेंटर पर 50 जेईई और 50 नीट के छात्रों का चयन किया जाएगा। जीव विज्ञान और गणित संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी ही पात्र होंगे।

दोपहर 3 बजे से 6.30 चलेगी कोचिंग

यह कक्षाएं शाम 3 बजे से 6.30 बजे तक संचालित होंगी। विद्यार्थियों का नियमित आकलन और शिक्षकों की कक्षाओं के अध्यापन का भी अवलोकन किया जाएगा। योजना के संबंध में पालकों का फीडबैक भी लिया जाएगा। ऑनलाइन कक्षाओं की यह विशेषता रहेगी कि यह टू-वे संवाद रहेगा। विद्यार्थी विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछ सकेंगे। जेईई और नीट के लिए अलग-अलग कक्षाएं प्रदेश में संचालित आत्मानंद विद्यालय और अन्य विद्यालय में संचालित होंगी।

प्रत्येक कोचिंग केंद्र में भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान और गणित विषय के लिए नोडल शिक्षक तथा एक मुख्य नोडल अधिकारी प्रिंसिपल अथवा सीनियर लेक्चरर स्टाफ के नियुक्त किए गए हैं। ऑनलाइन कोचिंग प्रदाता संस्थान विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड का विश्लेषण विद्यार्थियों का फीडबैक पालकों का फीडबैक इत्यादि इस कार्यक्रम की सघन मॉनिटरिंग हेतु मॉनिटरिंग अधिकारी भी नियुक्त किया जा रहे हैं।

सभी कलेक्टर्स और DEO को निर्देश जारी

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के दिन इसका ऐलान किया था। कोचिंग की तैयारी को लेकर प्रदेश के हर जिले के कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। CM के ऐलान के मुताबिक शासकीय स्कूलों के 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई जानी है।

क्या होगा स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का लाभ

छत्तीसगढ़ राज्य के विद्यार्थियों को स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का सीधा लाभ मिलेगा। स्कूल की पढ़ाई के साथ साथ वे देश की प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान से Medical और Engineering entrance exam की तैयारी कर पाएंगे। Swami Atmanand Coaching Yojana से सबसे बड़ी राहत पालकों को आर्थिक रूप से मिलने वाली है क्योंकि टॉप इंस्टीट्यूशन एन्ट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए एक से डेढ़ लाख रुपए तक फीस ली जाती है, जिससे अब उन्हें रहत मिलेगी।

गांव में ही मिलेगी निःशुल्क कोचिंग की सुविधा 

स्वामी आत्मानंद ऑनलाइन कोचिंग व्यवस्था से बस्तर और सरगुजा संभाग जैसे सुदूर इलाकों के विद्यार्थी इसमें शामिल हो पाएंगे। इसके लिए उन्हें अपना गांव छोड़कर शहरों का रुख नहीं करना होगा। योजना से पढ़ाई का एक नया माहौल बनेगा। साथ ही राज्य निर्माण के बाद यह पहला मौका है जब प्रदेश के सरकारी स्कूल के बच्चे किसी ऑल इंडिया लेवल एग्जाम की तैयारी करेंगे।

विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ेगी

मजबूत तैयारी होने पर राज्य के ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी नेशनल लेवल पर आयोजित एग्जाम क्वालिफाई कर पाएंगे। मतलब देश के आईआईटी और एम्स में राज्य के विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ेगी।