New Sarkari Yojana List 2024 (नई सरकारी योजनाओं की सूची)

New Sarkari Yojana List 2024 (नई सरकारी योजनाओं की सूची)

प्रधानमंत्री मोदी एवं विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा शुरू की गयी सभी योजनाएं, केंद्र व राज्य सरकार की योजनाएँ 2024, सरकारी योजना हिंदी और अंग्रेजी में योगी योजना वेबसाइट पर

Haryana Gramin Audyogik Vikas Yojana 2024 Subsidy, Incentive Timelines | हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना पूरी जानकारी

हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना Subsidy, Incentive Timelines. Haryana Gramin Udyogik Vikas Yojana 2024 start by Dushyant Chautala. State govt decides to give capital support and affordable credit to new micro enterprises in rural areas of B, C and D category to spur industrial growth in rural areas. New Haryana Gramin Audyodik Vikas Yojana notified for the same, said deputy chief minister Dushyant Chautala.  

Details of Haryana Gramin Udyogik Vikas Yojana 2024

Govt. of Haryana to provide working capital / credit to micro enterprises which is going to open in rural pockets of B, C and D category. Micro enterprises established under Haryana Rural Industrial Development Scheme would also get other incentives specified for MSME sector under Haryana Enterprise and Employment Policy 2020.

Timelines for Haryana Gramin Audyogik Vikas Yojana

It is the timeline to get incentive in Haryana Gramin Udyogik Vikas Yojana:-
Approval letter Issuancewithin 45 days
Acceptance letterwithin 7 days
Benefit Disbursementwithin 7 days

Subsidy under Haryana Rural Industrial Development Scheme

Under Haryana Rural Industrial Development Scheme, govt. to give following subsidies:-
  • 15% subsidy will be provided on investment made on plant and machinery and building up to maximum of Rs 20 lakh for general category entrepreneurs, 
  • 15% subsidy will be provided on investment made on plant and machinery and building up to maximum of Rs 25 lakh for women and SC entrepreneurs.
  • 50% subsidy would be given on the cost of diesel generator set, the maximum limit of which has been fixed at Rs 8,000 per KVA. 
  • 7% interest subsidy or maximum of Rs 8 lakh per annum will be given on the term loan for 7 years.

Start Date / Implementation of Haryana Udyodik Vikas Yojana

Deputy Chief Minister said in order to provide incentives, the scheme is already considered effective from 1 January 2022 and would be operational for a period of 5 years. He said enterprises seeking the benefit will have to file udhyam registration certificate (URC) and Haryana udhyam memorandum (HUM) on the portal for statistical purpose at any stage.
The deputy CM said the unit should remain in regular production at the time of disbursement and subsidy will not be released to the closed unit. For capital subsidy, the unit should remain in regular production for a period of five years from the date of commercial production, for which joint director or deputy director, district MSME centre, will conduct an annual inspection of the unit, said Dy CM.

In Hindi - हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना 2024

ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने के लिए हरियाणा सरकार सहायता प्रदान करेगी। इसके लिए सरकार ने हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना अधिसूचित की है। इसके तहत सरकार ‘बी’, ‘सी’ व ‘डी’ श्रेणी खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में नए सूक्ष्म उद्यमों को न केवल सब्सिडी देगी, बल्कि किफायती ऋण प्रदान किया जाएगा।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि नए सूक्ष्म उद्यमों को हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति, 2020 के तहत एमएसएमई क्षेत्र के लिए निर्दिष्ट अन्य प्रोत्साहन भी प्राप्त होंगे। योजना के तहत लाभ प्रदान करने के लिए अनुमोदन पत्र 45 दिन, स्वीकृति पत्र सात दिन और लाभ संवितरण सात दिन के भीतर जारी कर दिया जाएगा।

प्लांट, मशीनरी और भवन पर सब्सिडी

योजना के तहत ‘बी’, ‘सी’ व ‘डी’ श्रेणी खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य श्रेणी के उद्यमियों को प्लांट व मशीनरी और भवन पर किए गए निवेश पर 15 प्रतिशत सब्सिडी, अधिकतम 20 लाख और महिलाओं एवं अनुसूचित जाति के उद्यमियों को प्लांट व मशीनरी और भवन पर किए गए निवेश पर 15 प्रतिशत सब्सिडी, अधिकतम 25 लाख की पूंजीगत सहायता दी जाएगी। डीजल जनरेटर सेट की लागत पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 8000 रुपये प्रति केवीए निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त, सावधि ऋण पर सात वर्षों के लिए सात प्रतिशत या अधिकतम आठ लाख रुपये प्रति वर्ष की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी।

पांच साल के लिए योजना

इस योजना को पहली जनवरी, 2022 से प्रभावी माना जाएगा और पांच वर्षों की अवधि के लिए परिचालन में रहेगी। औद्योगिक इकाइयों को सांख्यिकीय उद्देश्य के लिए पोर्टल पर उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र और हरियाणा उद्यम ज्ञापन दाखिल करना होगा। योजना के तहत निदेशक/महानिदेशक, एमएसएमई 10 लाख रुपये से अधिक की सब्सिडी और अतिरिक्त निदेशक, एमएसएमई 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारी होंगे। अगर कोई गलत तथ्यों के आधार पर लाभ लेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

नई हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति

हरियाणा के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश को प्रतिस्पर्धात्मक और पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने, क्षेत्रीय विकास को हासिल करने और लचीले आर्थिक विकास के माध्यम से यहां के लोगों को आजीविका के अवसर मुहैया करवाने के उद्देश्य से हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति को स्वीकृति प्रदान की गई।

हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति का उद्देश्य

हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति का उद्देश्य प्रदेश में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित करना और 5 लाख रोजगार पैदा करना है। हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति का फोकस मजबूत औद्योगिक विकास के बल पर लचीली अर्थव्यवस्था बनाने पर रहेगा। नीति में वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में परिवर्तन से उत्पन्न होने वाले अवसरों का लाभ उठाने और राज्य में औद्योगिक विकास को आत्मनिर्भर भारत मिशन जैसी राष्ट्रीय पहल के साथ संरेखित करने की परिकल्पना की गई है। इस नीति में आपूर्ति श्रृंखला, विद्युत गतिशीलता, कृषि-तकनीक, ग्रीन मैन्यूफैक्चरिंग, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य एवं फार्मा और विकास के लिए अन्य नए अवसरों में उभरती प्रवृत्तियों का ध्यान रखा गया है।

निवेशकों को सेवाओं की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए, हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 में 41 नई सेवाओं को शामिल किया जाएगा। अतिरिक्त 36 नई सेवाओं के एकीकरण से सिंगल विंडो सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा।

हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति में संतुलित क्षेत्रीय विकास

हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति प्रदेश-भर में संतुलित क्षेत्रीय विकास की आवश्यकता पर बल देती है। औद्योगिक विकास के आधार पर राज्य को 4 श्रेणी खण्डों में विभाजित किया गया है। ‘ए’ श्रेणी ब्लॉक में औद्योगिक रूप से विकसित क्षेत्र, ‘बी’ श्रेणी के ब्लॉक में मध्यवर्ती विकास के क्षेत्र जबकि ‘सी’ श्रेणी के ब्लॉक में औद्योगिक रूप से पिछड़े क्षेत्र शामिल हैं। इसी तरह, ‘डी’ श्रेणी के ब्लॉक में औद्योगिक रूप से अति पिछड़े क्षेत्र शामिल हैं। इन श्रेणी ब्लॉक (अधिकतम ‘डी’ श्रेणी के ब्लॉक में) में ग्रेडेड प्रोत्साहन प्रदान किए जाएंगे। यह वर्गीकरण अब ‘ए’ श्रेणी-13 (पहले भी 13), ‘बी’ श्रेणी-21 (पहले 23), ‘सी’ श्रेणी-40 (पहले 56), ‘डी’ श्रेणी-66 (पहले 66) है।

इस नीति में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के विकास और उनका कारोबार बढ़ाने पर विशेष बल दिया गया है। इसमें एमएसएमई के एक विनियामक से एक मददकर्ता या फेसिलिटेटर के रूप में आदर्श बदलाव लाने की परिकल्पना की गई है। राज्य सरकार ने वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने में एमएसएमई क्षेत्र की सहायता के लिए कई पहल की हैं। राज्य में एमएसएमई क्षेत्र के विकास पर बल देने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कलस्टर विकास, बाजार संपर्कों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने, बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने, विनियामक सरलीकरण, बुनियादी ढांचे सम्बन्धी सहायता और राजकोषीय प्रोत्साहनों की परिकल्पना की गई है।

राज्य में कारोबार की लागत को कम करने और उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए, इस नीति में एमएसएमई, बड़े, मेगा और अल्ट्रा-मेगा इंटरप्राइजेज, निर्यात इकाइयों, थ्रस्ट सेक्टर इंटरप्राइजेज, आवश्यक क्षेत्र के उद्यमों, इम्पोर्ट सब्स्टिट्यूशन इंटरप्राइजेज और चिह्नित सेवा उद्यमों को आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहनों की एक पूरी श्रृंखला की पेशकश की गई है। हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन बोर्ड द्वारा विशेष प्रोत्साहन के पैकेज के लिए इस नीति के तहत परिभाषित अल्ट्रा-मेगा, मेगा और कलस्टर परियोजनाओं पर भी विचार किया जाएगा।

उद्यम एवं रोजगार नीति के तहत हरियाणा ग्रामीण विकास योजना

"आत्म-निर्भर भारत" की राष्ट्रीय मुहिम को और बढ़ावा देने के लिए, इम्पोर्ट सब्स्टिट्यूशन की सहायता करने वाले पात्र उद्यमों को भूमि की कीमत पर रियायत भी प्रदान की जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में घर-द्वार पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सूक्ष्म उद्यमों की सहायता के लिए, हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति के तहत हरियाणा ग्रामीण विकास योजना शुरू की जाएगी। इस नीति के तहत प्रदेश में समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं और अनुसूचित जाति के लोगों द्वारा चलाए जाने वाले सूक्ष्म उद्यमों और स्टार्ट-अप को भी प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

इस नीति के तहत ऑटो, ऑटो कम्पोनेंट्स और लाइट इंजीनियरिंग, कृषि-आधारित, खाद्य प्रसंस्करण और संबद्ध उद्योग, कपड़ा और वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसजीएम), प्रतिरक्षा और एयरोस्पेस विनिर्माण, फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरणों, रासायनिक और पेट्रोकेमिकल तथा लार्ज स्केल एनर्जी और डेट स्टोरेज पर विशेष बल दिया जाएगा।

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