उत्तर प्रदेश कृषि केंद्र योजना 2024 - UP Agri Junction Scheme
यह कृषि केन्द्र निम्नवत् सेवाओं को एक छत के नीचे उपलब्ध कराये जाने की सुविधा प्रदान करेंगे- मृदा परीक्षण सुविधा तथा उर्वरक उपयोग हेतु संस्तुतियां।
- उच्च गुणवत्ता के बीज, उर्वरक, जैव उर्वरक, माइक्रोन्यूट्रियन्ट्स, वर्मी कम्पोस्ट, कीटनाशक तथा जैव कीटनाशकों सहित समस्त कृषि निवेशों की आपूर्ति।
- लघु कृषियंत्रों को किराये पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था।
- प्रसार सेवायें तथा कृषि प्रक्षेत्र निर्देशन।
उक्त के अतिरिक्त कृषि केन्द्रों द्वारा कृषि उपकरणों की मरम्मत तथा अनुरक्षण पशु आहार, कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों का विक्रय, मौसम/ विपणन व अन्य सम्बन्धित सूचनाओं के लिए सूचना विज्ञान की स्थापना कराया जायेगा।
यूपी कृषि केन्द्र योजना अंतर्गत कृषि प्रशिक्षित उद्यामियों के लिए सुविधाएं
राज्य सरकार द्वारा कृषि प्रशिक्षित उद्यामियों को निम्न सुविधायें प्रदान की जायेंगी- कृषि व्यवसायं गतिविधियों के लिए लाइसेन्स प्राप्त करने में सहायता तथा लाइसेन्स फीस के व्यय की प्रतिपूर्ति।
- इस उद्देश्य के लिए बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सहायता तथा 04 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान की व्यवस्था। यह अनुदान बैंक की बैंक इन्डेड सब्सिडी के रूप में रखा जायेगा तथा वर्ष की समाप्ति पर ऋणी के खाते में क्रेडिट कर दिया जायेगा।
- एक वर्ष तक के लिए परिसर के किराये के 50 प्रतिशत की धनराशि जो रूपया 1000/- से अधिक न हो।
- स्वतन्त्र कृषि केन्द्र व्यवसायं की स्थापना हेतु कृषि व्यवसाइयों को प्रशिक्षण प्रदान कराना।
- लघु कृषि यंत्रों को अनुदानित दर पर किराये पर उपलब्ध कराना।
वन स्टाफ शॉप की भूमिका
प्रदेश की सभी विकास खण्डों एवं तहसील मुख्यालयों पर स्थापित "वन स्टाफ शाप्स" पर किसान गुणवत्ता, कृषि निवेश एवं कृषि प्रक्षेत्र निर्देशन प्राप्त कर सकेंगे। इसी के साथ युवा कृषि स्नातक स्वयं स्वरोजगार के लिए सक्षम होंगे। वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1000 एग्री जंक्शन केन्द्रों (वर्ष 2015-16 के अवशेष लक्ष्य 399 को सम्मिलित करते हए) की स्थापना का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें रूपये 60,000/-प्रति केन्द्र अनुदान दिये जाने की व्यवस्था शासन द्वारा अनुमन्य की गयी है, परन्तु शासन निदेशालय के पत्रांक-प्रसार 57 दिनांक 26.04.2016 के द्वारा प्रशासनिक/वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु प्रमुख सचिव (कृषि), उ0प्र0 शासन को प्रेषित की गयी थी।
शासन के पत्र संख्या-518/12-3-2016-100(4)/2015 दिनांक 29.04.2016 द्वारा उक्त योजना हेतु सम्पूर्ण प्राविधानित धनराशि रूपये 70,500 हजार की वित्तीय स्वीकृति जारी की गयी है। शासन द्वारा योजना की प्रशासनिक स्वीकृति शासन द्वारा जारी नहीं की गयी थी। तत्पश्चात् शासन के पत्र संख्या 684/12-3-2016-100(4)/2015 दिनांक 03.06.2016 के क्रम में प्रेषित निदेशालय के पत्रांक-प्रसार 418 दिनांक - 04.06.2016 प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलम्बन एग्री जंक्शन योजना के सन्दर्भ में वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए कार्य योजना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध शासन से किया गया था। वित्तीय वर्ष 2015-16 में योजना का क्रियान्वयन शासनादेश संख्या-1681/12-3-2015-100(4)/2015 दिनांक 02.11.2015 के अनुरूप किया गया।
उक्त शासनादेश के अन्तर्गत ब्याज अनुदान की धनराशि रूपये 42,000/-प्रति केन्द्र 03 वर्ष के लिए प्राविधानित की गयी थी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 में ब्याज अनुदान की धनराशि का आंगणन साधारण तरीके से ऋण की धनराशि रूपये 3.50 लाख पर 5 प्रतिशत की दर से करने पर रूपये 52,500/- प्रति केन्द्र निदेशालय स्तर से प्रस्तावित किया गया था, जो कि बैंकिंग गणना के आधार पर त्रुटिपूर्ण है। ऋण पर ब्याज अनुदान की धनराशि रूपये 42,000/- प्रति केन्द्र के आधार पर प्रस्तावित कार्य योजना की प्रशासनिक स्वीकृति इस शर्त के साथ प्रदान की गयी कि उक्त योजना का क्रियान्वयन शासनादेश संख्या संख्या-1681/12-3-2015-100(4)/ 2015 दिनांक 02.11.2015 के प्राविधानों के अनुसार ही किया जायेगा।
उक्त के क्रम में वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा स्वीकृत रूपये 705 लाख के सापेक्ष रूपये 600 लाख की कार्य योजना 1000 एग्री जंक्शन केन्द्रों की स्थापना हेतु प्राप्त हुई है, शेष रूपये 105 लाख जिसकी कि प्रशासनिक स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है, के व्यय हेतु रूपये 60,000/-प्रति केन्द्र की दर से 175 अन्य एग्री जंक्शन केन्द्रों की स्थापना कराये जाने से सम्बन्धित प्रस्ताव प्रस्तुत है, जिस पर शासन से अनुमोदन अपेक्षित है।
यह योजना नाबार्ड के परामर्श एवं प्रदेश में कार्यरत सहकारी बैंक/ भूमि विकास बैंक/अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से क्रियाशील की जायेगी।
उक्त के क्रम में वित्तीय वर्ष 2016-17 में शासन द्वारा स्वीकृत रूपये 705 लाख के सापेक्ष रूपये 600 लाख की कार्य योजना 1000 एग्री जंक्शन केन्द्रों की स्थापना हेतु प्राप्त हुई है, शेष रूपये 105 लाख जिसकी कि प्रशासनिक स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की जा चुकी है, के व्यय हेतु रूपये 60,000/-प्रति केन्द्र की दर से 175 अन्य एग्री जंक्शन केन्द्रों की स्थापना कराये जाने से सम्बन्धित प्रस्ताव प्रस्तुत है, जिस पर शासन से अनुमोदन अपेक्षित है।
यह योजना नाबार्ड के परामर्श एवं प्रदेश में कार्यरत सहकारी बैंक/ भूमि विकास बैंक/अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से क्रियाशील की जायेगी।
यूपी प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वालम्बन योजना पात्रता
उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले कृषि स्नातक/कृषि व्यवसायं प्रबन्धन स्नातक/स्नातक जो कृषि एवं सहबद्ध विषयों यथा-उद्यान, पशुपालन, वानिकी, दुग्ध, पशुचिकित्सा, मुर्गी पालन एवं इसी तरह की गतिविधियां जो किसी राज्य/केन्द्रीय विश्वविद्यालय या किसी अन्य विश्वविद्यालयों जो आई0सी0ए0 आर0/यू0जी0सी0 द्वारा मान्यता हों, पात्र होंगे।
इसके अतिरिक्त अनुभव प्राप्त डिप्लोमाधारी/कृषि विषय में इन्टरमीडिएट योग्य प्रार्थी पर विचार किया जायेगा।
यूपी कृषि केंद्र (एग्री जंक्शन) योजना विशेषताएं
आयु | 40 वर्ष से अनधिक, अनुसूचित जाति/जनजाति/महिलाओं को 05 वर्ष की छूट अधिकतम्। |
योजना लागत | रू0 4.00 लाख (अधिकतम्) |
ऋण सीमा | रू0 3.50 लाख |
प्रतिपूर्ति राशि | रू0 0.50 लाख (प्रोजेक्ट लागत का 12.50 प्रतिशत) ऋणी आवेदक द्वारा अभिदान किया जायेगा। |
राज्य सरकार द्वारा अधिकतम् रू0 60,000/- की सहायता निम्नानुसार की जायेगी | |
अग्रिम ब्याज अनुदान रू0 42,000/- तीन वर्ष के लिए प्रस्तावित कार्य हेतु, परिसर किराया 50 प्रतिशत प्रति माह अधिकतम् रू0 12,000/- किराया (रू0 1,000/-प्रतिमाह केवल प्रथम वर्ष के लिए) | |
लाइसेन्सिस फीस की प्रतिपूर्ति रू0 3,000/- (अधिकतम्) | |
अन्य व्यय | अधिकतम् रू0 3,000/- उद्यमी कृषि निवेशों की आपूर्ति एवं अन्य कलापों के लिए अनुमन्य अनुदान प्राप्त करने हेतु मान्य होंगे। |
वितरण | प्रशिक्षण अवधि पूर्ण करने के उपरान्त । |
लाक इन पीरियड | 36 माह |
सुविधायें | सावधि ऋण या नगद क्रेडिट ऋण की सीमा तक। |
ब्याज दर | ब्याज दर बैंक के बेस दर के निकट रखी जायेगी। योजना का उद्देश्य क्रेडिट निवेश दर को बढ़ावा देकर उत्तर प्रदेश में कृषि पूंजी सृजित करना। ताकि ‘‘वन स्टाफ शाप‘‘ के सृजन से कृषकों को लाभान्वित किया जा सके। |
डाक्यूमेन्टशन | बैंक में लागू डायरेक्ट एग्री सिग्मेन्ट अग्रिम के अनुसार। |
प्रतिभूति | (1) प्राथमिक बैंक से पोषित, सृजित, प्रकल्पित परिसम्पत्ति |
(2) कोलेटेरल धनराशि के लिए थर्ड पार्टी गारन्टी, महिला के केस में (माता, पिता/पति पत्नी)। | |
पुर्नभुगतान | 03 माह के मोरैटोरियम अवधि को सम्मिलित करते हुए 36 से 60 माह में। |
प्रशिक्षण एण्ड हैंण्ड होल्डिंग | चयनित आवेदकों को व्यवसायं के निमित्त ऋण राशि के पूर्व राज्य कृषि प्रबन्ध विस्तार प्रशिक्षण संस्था (समेती, रहमानखेड़ा, लखनऊ)/आर-सेटीज के द्वारा कम से कम 12 दिन का ग्रामीण व्यवसायं विकास योजना (आर0ई0डी0पी0) का प्रशिक्षण प्रदान कराया जायेगा। |
चयन प्रक्रिया | आवेदकों के नाम सरकारी/सहकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा राज्य सरकार की जिला स्तरीय समिति जिसमें ब्लाक स्तरीय एवं बैंक की संयुक्त समिति द्वारा आवेदकों की प्रारम्भि छटनी के उपरान्त प्रकाशित किया जायेगा। यह समिति 03 सदस्यीय होगी, जिसमें जिला मैजिस्ट्रेट/ मुख्य विकास अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी एवं बैंक का एक प्रतिनिधि/एल0डी0एम0 होंगे। अन्य विभागों से सम्बन्धित प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जा सकता है। |
परियोजना पूर्ण होने की अवधि | तीन वर्ष अधिकतम् । |
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें - http://upagripardarshi.gov.in/StaticPages/PKUSY-hi.aspx
6 Comments
SIR JI AGRI JUCTION ONE STOP SOP KE ONLINE FORAM KAB AATE HE
ReplyDeleteSir ji 2 saal se one stop ke form nahi aaye he ab to aane ki koi sambhawana he
ReplyDeleteOnline kaise kare ragistration
ReplyDeleteOnline kaise kre
ReplyDeleteएग्रीजंक्शन योजना की नोडल एजेंसी/नोडल अधिकारी कौन है तथा इसके आवेदन पत्र कहां और कैसे प्राप्त करें और कहां जमा करें?
ReplyDeleteयदि आप agrijunction खोलना चाहते हैं, तो आप अपने नजदीकी उपकृषि निदेशक कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।और ये कार्यालय हर जिले में होते हैं, इस स्कीम के फॉर्म जनवरी फरवरी और जून जुलाई में निकलते हैं।यदि आप के जिले में इन केंद्रों की पूर्ति नही हुई है,तो ही ये फॉर्म निकलते हैं।
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