कोरोना काल में देश के किसानो को केंद्र सरकार ने बढ़िया तोहफा भेट किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड के तहत 1लाख करोड़ रूपये की वित्तपोषण सुविधा को लॉन्च किया। यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए 20 लाख रूपये के प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है। सरकार द्वारा दी गयी राशि किसानो को उनकी उपज के लिए अधिक मूल्य प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी क्योंकि किसान बढ़िया दामों पर भंडारण एवं बिक्री करने,अपव्यय को कम करने, प्रसंस्करण और दामों में वृद्धि बढ़ाने में सक्षम होंगे।
2,280 से अधिक किसान समाजो को 1000 करोड़ दिए गए है। इसमें लाखो किसानो,एफपीओ, सहकारी समितियों,पैकेज और देश भर से शामिल होने वाले नागरिको ने भाग लिया था।
PM Agriculture Infrastructure Fund के तहत 1लाख करोड़ रूपये की वित्तपोषण योजना
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के मुख्य आकर्षण
प्रधानमंत्री मोदी जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में यूरिया के बहुत ज्यादा प्रयोग पर चिंता प्रकट की है। किसान प्रतिनिधियों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा है की यूरिया के ज्यादा इस्तेमाल से धरती को बहुत नुकसान हो रहा है और किसानो को इसके बारे में सोचना चाहिए। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसान और खेती से जुडी सारी समस्याओ के हल ढूँढे जा रहे है। एक देश,एक मंडी के इस मिशन को लेकर पिछले 7 साल से काम चल रहा था वह अब पूरा हो गया है। अब किसान के पास अनेक विकल्प है। अगर किसान अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे,तो वह कर सकते है या फिर व्यापारियों और संस्थानों के साथ किसान अपनी फसल का सौदा करके अपनी फसल के ज्यादा दाम प्राप्त कर सकते है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान का संकल्प
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हर जिले में प्रसिद्ध उत्पादों को देश और दुनिया की मार्किट तक पहुंचने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है।एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना महामारी से दुखी है वही हमारे देश के किसान ही है,जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान देश को खाने -पिने के जरुरी सामान की समस्या नहीं होने दी है। देश जब लॉकडाउन में था,तब हमारे किसान खेतो में फसल की कटाई कर रहा था और बुआई के नए रिकॉर्ड बना रहा था। यही कारण है की इस मुसीबत के समय में भी हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत है। अब हम ऐसे देश की तरफ आगे बढ़ रहे है जहाँ गांव के कृषि उद्योगों से फ़ूड आधारित उत्पाद शहर जाएंगे और शहरो से दूसरा उद्योगिकी सामान बनकर गांव पहुंचेगा। यही तो आत्मनिर्भर भारत अभियान का संकल्प है जिसके लिए हमे काम करना है।
क्या है एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड
एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड कोरोनावायरस एक भयानक महामारी के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए सरकार द्वारा लागु 20 लाख करोड़ रूपये के राहत पैकेज का एक हिस्सा है। कृषि अवसरंचना कोष की अवधि साल 2029 तक यानि की 10 साल तक के लिए है। इसका मुख्य लक्ष्य कम ब्याज,आर्थिक सहायता और वित्तीय मदद के जरिए कृषि अवसरंचना और सामुदायिक खेती के लिए प्रेक्टिकल प्रोजेक्ट में निवेश के लिए अधिक समय के ब्याज फाइनेंसिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में अपने निवेश को बढ़ावा देना और अधिक काम -काज पैदा करना है।
डेढ़ साल में किसानो के खाते में पहुंच चुकी है 75 हजार करोड़ की राशि
मोदी जी ने कहा है की मुझे ख़ुशी इस बात की है की इस योजना का जो लक्ष्य था वो हासिल हो रहा है। हर किसान परिवार तक सीधी सहायता पहुंचे और जरूरत का सामान भी उनको समय पर मिलता रहे। इस उद्देश्य से यह योजना सफल रही है। पिछले डेढ़ साल में इस योजना के माध्यम से 75 हजार करोड़ रूपये सीधे किसानो के बैंक खाते में जमा हो चुके है। इसमें से 22 हजार करोड़ रूपये तो कोरोना के कारण लॉकडाउन के दौरान किसानो तक पहुंचाए गए है।
8.5 करोड़ किसानो को मिले 17 हज़ार करोड़ रूपये
प्रधानमंत्री ने पीएम -किसान योजना के तहत 8.5 करोड़ किसानो 17,000 करोड़ रूपये की छठी क़िस्त भी जारी की है। देश भर के लाखो किसान,सहकारी समितियां और नागरिक इस कार्यकर्म में शामिल किया गया। नकद लाभ सीधे एक बटन के क्लिक के साथ उनके आधार सत्यापित बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी वीडियो लिंक के जरिए इस मौके पर मौजूद रहे।
एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड के लाभ
प्रधानमंत्री मोदी जी ने कृषि-अवसरंचना कोष के तहत 1 लाख करोड़ रूपये की वित्त पोषण सुविधा शुरू करके किसानो को राहत दी है। प्रधानमंत्री ने पीएम किसान योजना के कार्यान्वयन को तेजी के साथ अपनी संतुष्टि व्यक्त की है,उन्होंने कहा है की इस कार्यकर्म का पैमाना इतना बड़ा है की आज जारी धन कई देशो की पूरी आबादी की तुलना में अधिक लोगो तक पहुंच गया है।
इस योजना की अवधि 10 साल तक होगी। इस योजना के तहत 1लाख करोड़ रूपये तक के ब्याज के लिए सीजीटीएमएसई योजना के तहत 3%हर साल ब्याज दर और क्रेडिट गारंटी कवरेज के साथ ब्याज के रूप में बैंको और वित्तीय संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाएगा। इन सुविधाओं के शुरू होने से किसानो को उनकी फसल की बेहतर दाम मिल सकेंगे। इन सुविधाओं के चलते किसान अपनी फसल को इकठ्ठा कर सकेंगे,और सही दाम मिलने पर अपने माल को बेच सकेंगे,इससे उनकी कमाई में वृद्धि होगी। फ़ूड प्रोसेसिंग की सुविधा से किसानो को उनकी फसल की अधिक कीमत मिलेगी जिससे वह किसान और उनका परिवार खुशहाल रह सके।
11 सरकारी बैंको ने साइन किया एग्रीमेंट
सरकार कई लोन देने वाली संस्थाओ के साथ एग्रीमेंट करके 1 लाख करोड़ रूपये की फाइनेंस की स्कीम शुरू कर रही है। इसमें सार्वजानिक क्षेत्र के 12 बैंको में से 11बैंको ने पहले ही कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के साथ एमओयू साइन कर लिया है। इस स्कीम का लाभ अधिक से अधिक किसानो को मिले और उनकी आय में वृद्धि हो इसके लिए सरकार ने इस स्कीम के लाभार्थी को 3%ब्याज सब्सिडी और 2 करोड़ रूपये तक की ऋण गारंटी देने का ऐलान किया है।
इस साल वितरित होगा 10,000 करोड़ का लोन
एग्रीकल्चरल इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड में 1 लाख करोड़ रूपये बैंको और वित्तीय संस्थाओ द्वारा प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसायटीज,किसान ग्रुप्स,किसान प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशंस,एग्री -उधमियों,स्टार्टअप्स और एग्री -टेक से जुड़े लोगो को लोन के रूप में उपलब्ध करवाए जाएंगे। लोन 4 वर्षो में वितरित किए जाएंगे। मौजूदा वित्त वर्षो में 10,000 करोड़ और अगले 3 वित्त वर्षो के दौरान प्रत्येक में 30,000 करोड़ रूपये का लोन वितरित होगा।
पीएम किसान योजना
दिसंबर 2018 में सभी कृषि भूमि किसानो को नकद लाभ के माध्यम से आय का समर्थन प्रदान करने के लिए पीएम किसान योजना शुरू की गयी थी ताकि वह अपनी कृषि आवश्यकताओं को पूरा कर सके और अपने परिवारों का समर्थन कर सके। इस योजना के तहत,पात्र लाभार्थी किसानो को तीन समान किस्तों में 6000 रु हर साल का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है।
कृषि क्षेत्र के लिए एक नया सवेरा
ये कदम प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत सरकार द्वारा उठाए गए सुधारो की एक श्रृंखला में नवीनतम है। ये उपाय सामूहिक रूप से भारत में कृषि क्षेत्र के लिए एक नई सवेरा है,और भारत के किसानो के लिए रोजी -रोटी के कल्याण और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिब्धता को दर्शाता है।
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