**मेरे प्यारे साथियों** आज हम आपको प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से सम्बंधित एक नयी अपडेट के बारे में बतायेंगे। केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2022 तक पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को लागू करने का निर्णय लिया था जो अब ख़तम हो गयी है। अब केवल राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ही सब्सिडी पर राशन वितरण किया जाएगा। पर गरीब परिवार साल 2023 के सभी महीनों में भी मुफ्त भोजन योजना का लाभ ले सकेंगे। प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के साथ जोड़ दिया गया है। इसका मतलब है की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अब खत्म हो जाएगी, पर फिर भी अगले 12 महीने तक NFSA के तहत मुफ्त राशन मिलेगा।  

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना से 80 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों को कृषि खर्च और त्योहारों के समय में बढ़ने वाले खर्चो से काफी राहत मिली थी। इस बार ख़ास बात ये है PMGKAY की अवधि पूर्ण होने के पश्चात भी इसके लाभार्थी NFSA के तहत अगले 12 महीनों तक मुफ्त राशन ले सकेंगे। अगले 1 साल  तक फ्री राशन बांटने के लिए मोदी सरकार को करीब 2 लाख करोड़ रूपये का अतिरिक्त व्यय करना पड़ेगा।   

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को अप्रैल 2020 को लागू किया था जिसका समापन 31 दिसंबर 2022 को हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसानों ने देश के अन्न भंडारो को भर दिया है, हम आत्मनिर्भर भारत का संकल्प पूरा करेंगे। इस योजना को 28 महीनों तक सफलता पूर्वक चलने के बाद भी लोगों को आसानी से राशन उपलब्ध हो इस बात का ख्याल रखा जा रहा है। इसलिए इस योजना को ख़तम करने की बजाय अब NFSA के साथ मिला दिया गया है।   
मार्च 2020 के महीने में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का ऐलान मोदी जी ने स्वयं किया था जिसे अगले महीने (अप्रैल 2020) से लागू कर दिया गया था। सरकार इस योजना के तहत लोगो को मुफ्त राशन बांट रही है जिसे 31 दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ाया गया था। अब इसे अगले 1 साल तक NFSA के अंतर्गत चलाया जाएगा। तो आइए सबसे पहले पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के बारे में पूरी जानकारी हम आपको देते है।

PMGKAY End, Free Food Grains for Next 1 Year under NFSA

Central government has decided to give free ration under National Food Security Act over the next 1 year i.e for next complete year 2023. This move to provide free rations under NFSA for next 12 months will couch the poor from the effects of the Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY) ending on 31 December 2022. On 23 December 2022, Union food and trade minister Piyush Goyal said the government will stop the PMGKAY free food programme after 28 months as the economic situation has improved since COVID-19 cases and restrictions have eased.

PMGKAY provided poor families with 5 kg of foodgrains each month in addition to the NFSA entitlement of 5 kg foodgrains at subsidised rates. It started in April 2020 and has cost the government nearly $47 billion. The pandemic and its impact on the economy, particularly on high food prices, have squeezed India's hundreds of millions of poor people over the past few years.

"The Central government provides foodgrains to people - rice at Rs 3 per kg, wheat Rs 2 per kg, and coarse grains Rs 1 per kg - under the NFSA. Now, the prime minister has taken a historic decision to provide food security to the poor free of cost across the country," Goyal said, according to the Indian Express. The NFSA covers about 81.35 crore people the Union government will bear the entire cost of Rs. 2 lakh crore to give rations free for the next 12 months. The PMGKAY has been "merged" with the NFSA, Goyal said, according to the news agency PTI.

PM Garib Kalyan Anna Yojana (PMGKAY) Merged with NFSA

"The free portion of that scheme [PMGKAY] has been added to the NFSA. Now, the entire quantity of 5 kg and 35 kg under the NFSA would be available free of cost. There is no need for additional foodgrains," Sh. Piyush Goyal said. The government was also spending 2 trillion rupees ($24.16 billion) under the National Food Security Act to provide highly subsidised food grains to nearly 75% of its rural and 50% of its urban population.

Now the government will make the highly subsidised foodgrain free for the next 12 months, Goyal said. This gives 35 kg of food grain every month to families at the cost of Rs. 1 to Rs 3. Millions of poor households benefit while some priority groups get 5 kilograms of food grains per person for the same price.

The government will save at least $20 billion over the next 12 months by ending the pandemic-era free food programme, as they will only spend on one food scheme instead of multiple programmes, according to an official, who did not want to be named told the news agency Reuters.

Management of Wheat Stockpile by Ending PMGKAY 

Indian government was struggling to manage the wheat stockpile due to additional distribution of wheat and the prices in the local market jumped to the record high. "The discontinuing scheme means the government can now sell 2 to 3 million tonnes in the open market to calm prices," a New-Delhi-based dealer with a global trade house told Reuters.

The Union government enacted NFSA in July 2013, giving legal entitlement to 67% of the population (75% in rural areas and 50% in urban areas) to receive highly subsidised foodgrain. The coverage under the Act is based on the population figures of Census 2011. The PMGKAY was initially launched for three months till June 2020 (phase I) and then extended several times. It is in its final, seventh phase now and will end on December 31.

Recently, in a written reply in the Lok Sabha, Goyal had said that under the PMGKAY, the government has allocated a total of almost 1,118 lakh tonnes of foodgrains to the states/UTs (total allocation from Phase I to Phase VII). The total sanctioned outlay for food subsidy and central assistance for all phases I-VII is about Rs 3.91 lakh crore, he said. With the government deciding not to provide extra foodgrains over and above the NFSA quota, experts said the decision will ease the pressure on foodgrain stocks under the central pool.

This data is taken from article published in The Wire News.

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के 7 चरण

प्रश्न यह है कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का क्या महत्व है? इसका उत्तर ये है की PMGKAY योजना खास तौर से ऐसे लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों से तालुक रखते है और जो मेंहनत मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहे है। इस योजना को कोरोना वायरस  लॉकडाउन के समय प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के अंतर्गत शुरू किया गया था जो बाद में आत्मनिर्भर भारत अभियान के 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का भाग बन गया था। इसका सबसे बड़ा उद्देश्य उन गरीब साथियों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करवाना था जो रोजगार या दूसरी आवश्कयताओ के लिए अपना गांव छोड़कर के कही बाहर राज्य में रह रहे थे। कोविड-19 लॉकडाउन के समय पर प्रवासी मजदूर अपने बच्चे को क्या खिलाए, इस समस्या के समाधान के तौर पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को शुरू किया गया था। 

मोदी सरकार ने यह सब देखते हुए पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का प्रारम्भ किया है, ताकि गरीब साथी और उनके बच्चे भूखे न रहे। यह नई मुफ्त भोजन वितरण योजना किसी भी राशन कार्ड या आईडी की आवश्यकता के बिना अपने कवरेज को बढ़ाने के लिए काम करेगी। जैसे की पीएम गरीब कल्याण योजना पैकेज में घोषणा की गई थी की मोदी सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध कराएगी, वैसे ही अब भी राशन बांटा जाएगा। हर व्यक्ति को प्रति माह 5 किलोग्राम चावल या गेहूं प्रति परिवार मिलेगा। अब तक हुए PM Garib Kalyan Anna Yojana के 7 चरणों की जानकारी इस प्रकार है:-
  • पहला चरण - अप्रैल 2020 से जून 2020 (5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो चना फ्री)
  • दूसरा चरण - जुलाई 2020 से नवंबर 2020 (5 किलो चावल या गेहूं और 1 किलो चना फ्री)
  • तीसरा चरण - मई 2021 से जून 2021 (5 किलो चावल या गेहूं फ्री)
  • चौथा चरण - जुलाई 2021 से नवंबर 2021 (5 किलो चावल या गेहूं फ्री)
  • पाँचवा चरण - दिसंबर 2021 से मार्च 2022 (5 किलो चावल या गेहूं फ्री)
  • छठा चरण - मार्च 2022 से सितम्बर 2022 (5 किलो चावल या गेहूं फ्री) 
  • सातवां चरण - अक्टूबर 2022 से दिसंबर 2022 (5 किलो चावल या गेहूं फ्री)   
लोगों को मुफ्त में राशन मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दी गयी है। अब प्रत्येक गरीब व्यक्ति को प्रति माह 5 किलो चावल या गेहूं अतिरिक्त प्राप्त करने का अधिकार है जो हर गरीब परिवार को मिलने वाले 2 रुपए प्रति किलो गेंहू और 3 रुपए प्रति किलो की दर से चावल से अलग होगा। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के सातवें चरण के लिए सरकार ने 44,762 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है और पहले छह चरणों में सरकार 3.4 लाख करोड़ खर्च कर चुकी है। इस अतिरिक्त 44,762 करोड़ के प्रावधान से गरीब कल्याण अन्न योजना पर कुल व्यय 3.84 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।  

राशन न मिलने पर इस तरह करें शिकायत

अगर आपको राशन की दुकान पर मुफ्त राशन (Free Ration Scheme) मिलने में परेशानी हो रही है तो आप नेशनल फूड सिक्योरिटी पोर्टल (NFSA) के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. हर राज्य सरकार राशन से जुड़ी समस्या के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी करती है. आप इस नंबर को राशन की दुकान या राज्य की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं. इसके अलावा आप इसकी ऑफिशियल वेबसाइट https://nfsa.gov.in/ पर क्लिक करके करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
 

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ बिना राशन कार्ड /आईडी प्रमाण के मिलेगा

सरकार के अधिकार प्राप्त समूहों और वरिष्ठ अधिकारियो की सिफारिशों के अनुसार, राशन कार्ड और अन्य आईडी आवश्यकताओ को हटाया जा चुका है। यह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 2023 के तहत गरीब लोगों तक भोजन की पहुंच बढ़ाएगा जो कि मोदी सरकार की एक प्रमुख योजना है। सरकार ने उन सभी को मुफ्त भोजन प्रदान करने की घोषणा की है, जिन्हे दिसंबर 2023 तक अन्न की आवश्यकता है। 

प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुफ्त भोजन वितरण के दौरान राशन कार्ड और आईडी प्रूफ की आवश्यकता को हटा दिया है। यह आवश्यक है क्योकि असंगठित क्षेत्र के कई मजदूर अभी भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली नेटवर्क के भीतर नहीं है। इसके अलावा यह संभव हो सकता है कि अन्य राज्यों में दैनिक वेतन भोगी मजदूरो ने अपने परिवारों के उपयोग के लिए अपने घर पर अपना राशन कार्ड छोड़ दिया हो। वे जीवित रहने के लिए दैनिक कमाई पर भरोसा करते है और अब काफी असहाय है। 

इस कदम के द्वारा केंद्र सरकार सभी राज्य सरकार से आईडी /राशन कार्ड के बिना लोगों को मुफ्त खाद्य सामग्री और अनाज वितरित करने के लिए कह रही है। इस कदम को उस अभूर्तपूर्व दशा को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द लागू किया गया है। यह भी सलाह दी जाती है कि सूखा भोजन राशन केवल उन लोगो को वितरित किया जाना चाहिए जिन्हे इसकी आवश्यकता है वो भी राशन कार्ड पर जोर दिए बिना। 

किसको मिलेगा PM Garib Kalyan Anna Yojana के तहत मुफ्त राशन 

  • किसान 
  • जन-धन खाताधारक
  • गरीब महिलाऐं  
  • मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूर 
  • औरतों के द्वारा चलाये गए स्वयं सहायता समूह 
  • बूढ़े लोग 
  • विधवा / निराश्रित महिलाऐं
  • शारीरिक रूप से असमर्थ व्यक्ति  
  • प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी
  • प्रवासी कामगार
  • अन्तोदय अन्न योजना और PHH के लाभार्थी  

PMGKY पैकेज में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में आईडी कि आवश्यकता को दूर करके सरकार यह सुनिश्चित कर रही है  कि कोई भी बिना भोजन के ना जाए। केंद्रीय सरकार भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में पर्याप्त खाद्य भंडार है, इसलिए यह निर्णय काफी आसानी से लागू किया जा रहा है। इस योजना की विशेषतायें निम्नलिखित है :-
  • लगभग 80 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। 
  • रोज कमाने वाले गरीबों, प्रवासी मजदूरों, शहरी गरीबो सहित सभी गरीब लोगों को मुफ्त राशन प्रदान किया जाएगा। 
  • प्रत्येक परिवार को प्रति माह 5 किलोग्राम गेंहू या चावल फ्री मिलेगा। 
  • यह योजना 31 दिसंबर 2022 तक वैध रही, अब इसे NFSA के साथ दिसंबर 2023 तक की अवधि के लिए जोड़ दिया गया है। और केंद्र सरकार को कई करोड़ रुपये की बचत होगी। 
ऐसा महसूस होता है कि केंद्रीय सरकार कम से कम अस्थायी रूप से कागजी कार्रवाई की आवश्यकताओ को दूर करने के लिए राज्यों को निर्देश जारी कर सकती है। हालांकि, इस मुफ्त भोजन तक पहुंच के लिए उचित मूल्यों की दुकानों या सार्वजनिक वितरण केंद्र की दुकानों पर अब संबंधित राशन कार्ड दिखाना आवश्यक नहीं है।