**मेरे प्यारे साथियों** आज हम आपको छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना किश्त के बारे में बतायेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 10 जनवरी 2023 को गोधन न्याय योजना की 59वी किश्त लाभार्थियों के खाते में डाल दी है। यह योजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 20 जुलाई 2020 को राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए शुरु की थी। छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना से पशुपालको से गोबर की खरीद करने, पशुपालन को लाभकारी बनाने, खेतों में चरने की समस्या सुलझाने, किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने, आवारा जानवरों के कारण सड़क दुर्घटनाएं आदि समस्याओं को हल करने प्रयास किया जाता है।
गोधन न्याय योजना देश में अपनी तरह की पहली योजना है जिसमे पशुपालकों से 2 रूपये प्रति किलो की दर से गोबर तथा 4 रूपये प्रति किलो की दर से गौमूत्र की खरीदी की जाती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पशुपालन को बढ़ावा देने और इसे व्यावसायिक रूप से लाभदायक बनाने के लिए 20 जुलाई सन 2020 को गोधन न्याय योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मवेशियों (आवारा) जानवरों के द्वारा खुले में चराई को रोकने व आवारा पशुओं के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की समस्या का हल करने और पर्यावरण सरंक्षण है। छत्तीसगढ़ पशु मालिकों से गोबर खरीदने वाला पहला भारतीय राज्य बन गया है। गोधन न्याय योजना हरेली उत्सव के दिन से छत्तीसगढ़ राज्य में लागू की गयी थी।
इस नई योजना के माध्यम से पशुपालको के लिए पशुपालन और गाय-गोबर प्रबंधन अधिक लाभदायक हो गया है। इस गोबर खरीद योजना के कार्यान्वयन से रोजगार के अवसर पैदा हो रहे है और पशुपालक किसानों की अतिरिक्त आय भी हो रही है। इस योजना में गाय के गोबर को निर्धारित दर पर ख़रीदा जाएगा और सहकारी समितियों से बरामद किया जाएगा। मंत्रिमंडल के तहत गठित 5 सदस्य उप-समिति ने गोधन की खरीद दर का निर्धारण किया था।
गोधन न्याय योजना 59वी किश्त
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 जनवरी को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7.05 करोड़ रूपए की राशि ऑनलाइन जारी करी। इसमें 16 दिसंबर 2022 से 1 जनवरी 2023 तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.29 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4.59 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों और महिला समूहों को 2.46 करोड़ रूपए जिसमे गौठान समितियों को 1 करोड़ 46 लाख रुपये का भुगतान एवं महिला समूहों के खाते में 1 करोड़ रुपये की लाभांश राशि शामिल हैं।
गोधन न्याय योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों, भूमिहीनों, चरवाहों, किसानों, पशुपालकों और युवाओं की आर्थिक भागीदारी है। राज्य में गोधन के संरक्षण और संर्वधन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। गौठानों में पशुधन देख-रेख, उपचार एवं चारे-पानी का निःशुल्क बेहतर प्रबंध होता है। राज्य में अब तक 10,894 गौठानों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है जिनमे से 9591 गौठान का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। पंजीकृत विक्रेताओं तथा पशुपालकों से 2 रूपये प्रति किलो के दर से गोबर खरीदी की जा रही है। पिछले 29 महीनों में 98.73 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की जा चुकी है। साथ ही 197.45 करोड़ रुपये का गोबर का भुगतान किया जा चुका है। वहीँ गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को 171.87 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक कुल 369.32 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
गोबर से अबतक 20,81,876 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा चुका है। इसमें से 80% यानी 16,68,715 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री 10 रूपये प्रतिकिलो की दर से की जा चुकी है व बचे हुए वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री की जा रही है। गोबर से अबतक 5,41,825 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा चुका है। इसमें से 76% यानी 3,85,583 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट की बिक्री 6 रूपये प्रतिकिलो की दर से की जा चुकी है व बचे हुए सुपर कम्पोस्ट की बिक्री की जा रही है। गोबर से अबतक 18,924 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा चुका है। इसमें से 16% यानी 3,100 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट की बिक्री 6.50 रूपये प्रतिकिलो की दर से की जा चुकी है व बचे हुए सुपर प्लस कम्पोस्ट की बिक्री की जा रही है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने गौमूत्र खरीदी की भी शुरुवात की जिसमे 28 July 2022 से 96 गौठानों द्वारा 4 रुपये प्रति लीटर की दर से 1,15,423 लीटर गौमूत्र की खरीदी की जा चुकी है। गौमूत्र से 41,627 लीटर बह्रमास्त्र कीट नियंत्रक का उत्पादन किया गया और 32,524 लीटर बिक्री की गयी तथा गौमूत्र से 20,118 लीटर जीवामृत का उत्पादन किया गया और 17,396 लीटर बिक्री करके 22,43,665 की आय अर्जित की गयी। अब गौठान सभी सुविधाओं से युक्त आर्थिक केंद्र बन रहे हैं।
Godhan Nyay Yojana App Download
जो भी पशुपालक किसान गोधन न्याय योजना 2023 के अंतर्गत गोबर बेचना चाहते है, वह अब अपना आवेदन कर सकते हैं। गोधन न्याय योजना पंजीकरण के लिए सभी पशुपालकों को मोबाइल एप्लीकेशन डालनी होगी। Godhan Nyay Yojana App download करें - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.chips.godhanyojna&hl=en_IN&gl=US. इस लिंक पर क्लिक करने पर आपके सामने ऐप डाउनलोड पेज खुल जाएगा।
राज्य की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरूवा व बाड़ी का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत संपूर्ण प्रदेश में गौठान स्थापित किया जा रहा है। राज्य शासन द्वारा गौठान की गतिविधियों में विस्तारण करते हुये गोठान में गोबर क्रय करते हुए संग्रहित गोबर से वर्मी कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद तैयार करने हेतु गोधन न्याय योजना का प्रारंभ छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण पर्व "हरेली" (दिनांक 20 जुलाई,वर्ष 2020) से किया जा रहा है। योजना क्रियान्वयन से जैविक खेती को बढ़ावा, ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर रोजगार के नये अवसर, गौपालन एवं गौ-सुरक्षा को प्रोत्साहन के साथ-साथ पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। आगामी वर्षाें में नवीन गोठानों की स्थापना के साथ-साथ योजना का विस्तार भी आवश्यकतानुसार किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना 2023 के उद्देश्य
गोधन न्याय योजना को शुरू इसलिए किया गया था ताकि आवारा पशुओ की समस्या को ठीक किया जाए व किसानो और पशुपालको को लाभ प्राप्त हो सके। छत्तीसगढ़ में खुले में आवारा पशुओ को चराने की परंपरा है, जो किसानों की फसलों का काफी नुक्सान करती है। इसके अलावा शहरो की सड़को पर आवारा जानवर सड़क दुर्घटनाओ का प्रमुख कारण है। गाय और भेड़-बकरी के मालिक अपने जानवरों को खुले में छोड़ देते है जिससे कई प्रकार की समस्याएं होती है। पशुपालकों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना की शुरुआत करी है जिसके मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:-
- पशुपालकों की आय में वृद्धि।
- पशुधन विचरण एवं खुली चराई पर रोक।
- जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा एवं रासायनिक उर्वरक उपयोग मे कमी लाना।
- खरीफ एवं रबी फसल सुरक्षा एवं द्विफसलीय क्षेत्र विस्तार।
- स्थानीय स्तर पर जैविक खाद की उपलब्धता।
- स्थानीय स्व सहायता समूहो को रोजगार के अवसर।
- भूमि की उर्वरता में सुधार।
- विष रहित खाद्य पदार्थो की उपलब्धता एवं सुपोषण।
Godhan Nyay Yojana संक्षिप्त विवरण
योजना का नाम | गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Yojana) |
राज्य का नाम | छत्तीसगढ़ |
लांच किसने करी | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल |
लाभार्थी | पशुपालक किसान, गोबर विक्रेता, गौठान समिति और महिला समूह |
गोबर खरीदी की निर्धारित दर | 2 रुपये प्रति किलो |
किश्त कब जारी होंगी | हर 15 दिन में |
सञ्चालन एजेंसी | राज्य सरकार |
किश्त जारी करने का तरीका | ऑनलाइन (DBT) के माध्यम से |
Article Category | Godhan Nyay Yojana Official Website, App |
पोर्टल लिंक | godhannyay.cgstate.gov.in |
लांच की तारीख | 20 जुलाई 2020 |
पंजीकरण / आवेदन की अंतिम तारीख | कोई नहीं |
Godhay Nyay Yojana App डाउनलोड लिंक | https://play.google.com/store/apps/details?id=com.chips.godhanyojna&hl=en_IN&gl=US |
List of Documents Required for Godhan Nyay Yojana
- मूल निवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- बैंक खाते की पासबुक की प्रति
- मोबाइल नंबर
- किसान कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
गो-धन न्याय योजना किस तरह की समस्याओं को ठीक करेगी?
गोधन न्याय योजना के लागू होने से पशुपालक अपने मवेशियों को उचित चारा-पानी उपलब्ध कराएंगे और उन्हें अपने स्थान पर बांध कर रखेंगे। जिससे किसानों की मेहनत से उगाई फसल बचेगी, सड़क दुर्घटनाएं काम होंगी, पर्यावरण की रक्षा होगी, किसान के लिए गोबर बेचना आसान होगा, कमाई के साधन बढ़ेंगी व अन्य समस्याएं भी सुलझेंगी।
गाय के गोबर की खरीद दर
गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीद दर (2 रुपये प्रति किलो) कैबिनेट की 5 सदस्यीय उप-समिति द्वारा तय की गयी थी। कैबिनेट उप-समिति की अध्यक्षता कृषि और जल संसाधन मंत्री ने की थी। इस समिति में वन मंत्री, सहकारिता मंत्री, नगरीय प्रशासन मंत्री, राजस्व मंत्री भी शामिल थे। पशुपालकों, किसानों, गौशाला संचालको और अन्य विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों पर विचार-विमर्श करने के बाद गोबर की खरीद दर तय की गयी थी।
राज्य सरकार ख़रीदे गए गोबर का क्या करेगी?
ख़रीदे गए गोबर का उपयोग कृमि खाद के उत्पादन के लिए किया जाएगा। यह पौधा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानो की उर्वरक आवश्यकता के साथ-साथ कृषि, वन, बाग़वानी और शहरी प्रसासन विभाग द्वारा विभिन्न वृक्षारोपण अभियानों में सहायक होगा। इस योजना को लागू करने के लिए सीजी राज्य शहरी प्रसासन जिम्मेदार होगा। राज्य सरकार अतिरिक्त जैविक उर्वरक के विपणन के लिए अन्य व्यवस्था भी करेगी।
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